के सामने से प्रारंभ होकर अग्रबाहु के भीतरी किनारे पर सीधी नीचे हथेली तक चली जाती है और वहाँ अँगूठे की ओर को मुड़कर, बहि:प्रकोष्ठिका की शाखा के साथ मिलकर उत्तल करतल चाप (
2.
अग्रबाहु के बाहरी किनारे पर सीधी नीचे मणिबंध पर पहुँचकर, पीछे की ओर को घूमकर, पहली और दूसरी करतल शाखाओं के बीच से पीछे की ओर से करतल में आकर, अंत:प्रकाष्ठिका की एक शाखा से मिलकर, नितल करतल चाप (
3.
अग्रबाहु के बाहरी किनारे पर सीधी नीचे मणिबंध पर पहुँचकर, पीछे की ओर को घूमकर, पहली और दूसरी करतल शाखाओं के बीच से पीछे की ओर से करतल में आकर, अंत:प्रकाष्ठिका की एक शाखा से मिलकर, नितल करतल चाप (deep palmar arch) बना देती हैं, जिससे अँगूठे के दोनों ओर और तर्जनी के बहि:पृष्ठ को शाखाएँ जाती हैं।
4.
यह कुहनी कूर्पर (elbow) के सामने से प्रारंभ होकर अग्रबाहु के भीतरी किनारे पर सीधी नीचे हथेली तक चली जाती है और वहाँ अँगूठे की ओर को मुड़कर, बहि:प्रकोष्ठिका की शाखा के साथ मिलकर उत्तल करतल चाप (superficial palmar arch) बना देती हैं, जिसमें कनिष्ठा, मध्यमा और अनामिका अंगुलियों के दोनों ओर, तर्जनी के केवल भीतरी किनारे पर, शाखाएँ चली जाती हैं।